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सऊदी अरब में होगी यूक्रेन पर मीटिंग, भारत समेत 30 देश हो सकते हैं शामिल, रूस रहेगा दूर

यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच सऊदी अरब अगस्त की शुरुआत में एक शांति वार्ता की मेजबानी करेगा, जिसमें भारत भी शामिल हो सकता है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बहरहाल, सऊदी अरब और यूक्रेन ने अभी इस वार्ता की पुष्टि नहीं की है। अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि यह शिखर वार्ता लाल सागर के बंदरगाह शहर जेद्दा में होगी। उन्होंने बताया कि शिखर वार्ता में यूक्रेन के साथ ही ब्राजील, भारत, दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देश हिस्सा लेंगे।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के एक उच्च स्तरीय अधिकारी के भी बैठक में शामिल होने की संभावना है। अधिकारी के मुताबिक, इस आयोजन की तैयारियां यूक्रेन संभाल रहा है। उन्होंने कहा कि रूस के वार्ता में भाग लेने की संभावना नहीं है। सबसे पहले इस शांति वार्ता की जानकारी ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने दी थी। उसने ‘वार्ता से जुड़े राजनयिकों’ के हवाले से बताया था कि शांति वार्ता पांच-छह अगस्त को होगी और लगभग 30 देश इसमें हिस्सा लेंगे।

आधिकारिक रूप से नहीं आया बयान

अभी सऊदी अरब के अधिकारियों और रियाद में यूक्रेनी दूतावास ने इस पर टिप्पणी नहीं की है। इस शिखर वार्ता की खबर ऐसे वक्त में आई है, जब अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने बृहस्पतिवार को सऊदी अरब की यात्रा की थी। अधिकारियों ने कहा कि जून में हुई बातचीत के बाद यह शिखर सम्मेलन अगला कदम है। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बाद से ही दुनिया दो धड़ों में बंटी हुई है। एक धड़ा ऐसा है जो सीधे तौर पर यूक्रेन की मदद कर रहा है।

युद्ध के बाद बंटी दुनिया

अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियारों के साथ-साथ राजनीतिक मदद भी दे रहे हैं। ईरान सीरिया और बेलारूस जैसे देश तो सीधे तौर पर रूस की मदद कर रहे हैं। वहीं एक धड़ा ऐसा है जो न्यूट्रल है। ज्यादातर अरब देश न्यूट्रल ही रहे हैं। ओपेक प्लस का सदस्य होने के कारण रूस और सऊदी करीब हैं। इस युद्ध के दौरान सऊदी ने कई बार ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे रूस को फायदा हो। अमेरिका के दबाव के बावजूद भी सऊदी ने तेल का प्रोडक्शन कम किया, जिससे क्रूड ऑयल महंगा हो गया।

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