भू-राजस्व विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 1,151 आवेदन उपायुक्त कार्यालयों में पहुंचे हैं। इनमें से 423 आवेदन निपटाए जा चुके हैं और 448 लंबित हैं।
इस कानून का मकसद आदिवासी भूमि की रक्षा और गैरकानूनी बिक्री पर रोक लगाना है। धारा 49 के तहत भूमि को गैर-आदिवासी को हस्तांतरित करने से पहले डीसी की अनुमति जरूरी होती है। कई जिलों में इस प्रावधान का पालन सख्ती से कराया जा रहा है।
विभाग का कहना है कि ऑनलाइन प्रणाली से प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। हालांकि, तकनीकी अड़चनें और लंबित मामलों की संख्या अब भी चिंता का विषय हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी भी एक प्रमुख चुनौती है।



