गुरदासपुर, पंजाब:** पंजाब के गुरदासपुर जिले की 71 वर्षीय मंजीत कौर पिछले चार सालों से बैंक रिकॉर्ड में ‘मृत’ घोषित होने के कारण अपनी पेंशन के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। यह एक ऐसा मामला है जो सरकारी तंत्र की लापरवाही और वृद्ध नागरिकों को होने वाली परेशानियों को उजागर करता है।
मंजीत कौर ने बताया कि उनके बैंक खाते को चार साल पहले ‘मृत’ घोषित कर दिया गया था, जिससे उनकी पेंशन रुक गई। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि बैंक अधिकारियों ने उनसे **₹85,000 की राशि सरकार को वापस करने को कहा है, जो उन्होंने गलती से पेंशन के रूप में निकाल ली थी।** अब मंजीत कौर अपनी पहचान साबित करने और यह बताने के लिए संघर्ष कर रही हैं कि वह जीवित हैं, ताकि उन्हें उनकी rightful पेंशन मिल सके। इस bureaucratic उलझन ने उनकी वृद्धावस्था को और भी कठिन बना दिया है।
मंजीत कौर को अपनी पेंशन फिर से शुरू करवाने और खुद को ‘जीवित’ साबित करने के लिए लगातार सरकारी दफ्तरों और बैंकों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। यह घटना वृद्ध नागरिकों के लिए सरकारी योजनाओं और बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच में आने वाली बाधाओं का एक ज्वलंत उदाहरण है। उम्मीद है कि संबंधित अधिकारी इस मामले पर संज्ञान लेंगे और मंजीत कौर को जल्द से जल्द न्याय दिलाएंगे।
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