कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित 21 लोगों में क्या लक्षण, JN.1 कितना खतरनाक, जानें सबकुछ
कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 ने बेचैनी बढ़ा दी है। देशभर में अब तक जेएन.1 के 21 नए मामले सामने आए हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी.के. पॉल ने बुधवार को यह जानकारी दी। चिंता की बात यह है कि नए वैरिएंट की रफ्तार बढ़ने के साथ अचानक कोरोना के मामलों में भी तेज बढ़ोतरी हुई है। भारत में कोरोना वायरस इंफेक्शन के 21 मई के बाद सबसे ज्यादा 614 मामले दर्ज किए गए। कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के नए मामले तीन राज्यों से आए हैं। इनमें गोवा, केरल और महाराष्ट्र शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे को देख राज्यों के अस्पताल अलर्ट हैं। हालांकि, लोगों के मन में कुछ सवाल हैं। वे जानना चाहते हैं कि नया वैरिएंट कितना खतरनाक है? जेएन.1 में क्या लक्षण दिखते हैं? जो 21 लोग इससे संक्रमित हुए हैं, उनकी हालत कैसी है? आइए, यहां इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
कब सामने आया जेएन.1 का पहला मामला?
कोविड-19 का यह सब-वैरिएंट सबसे पहले लक्जमबर्ग में मिला था। यह ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट से आया है। इसका सोर्स पिरोला वैरायटी BA.2.86 है। इसमें स्पाइक प्रोटीन आल्टरेशन हैं जो इसे अधिक संक्रामक और इम्यून सिस्टम को चकमा देने वाला बना देते हैं। जहां तक भारत का सवाल है तो जेएन.1 का पहला मामला 8 दिसंबर को सामने आया था। केरल में 79 साल की एक बुजुर्ग महिला इससे संक्रमित हुई थी।
कहां-कहां फैल चुका है जेएन.1 वैरिएंट?
कोरोना यह नया वैरिएंट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड और हाल ही में चीन सहित अलग-अलग देशों में इसकी मौजूदगी मिली है। अब इस फेहरिस्त में भारत का नाम भी जुड़ गया है।
कैसी है जेएन.1 से संक्रमित मरीजों की हालत?
वीके पॉल ने बताया है कि संक्रमण की चपेट में आए लोगों में से लगभग 91 से 92 फीसदी लोग घर पर ही ट्रीटमेंट का ऑप्शन चुन रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जेएन.1 के नए मामलों में से 19 मामले गोवा में दर्ज किए गए हैं। केरल और महाराष्ट्र में एक-एक मामला सामने आया है। बीते दो सप्ताह में कोविड-19 से जुड़े 16 मरीजों की मौत हो गई। इन्हें गंभीर को-मॉर्बिडिटी थी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने बताया है कि भले ही कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन 92.8 फीसदी मामलों में घर पर ही इलाज हो रहा है जो हल्की बीमारी का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं हुई है। जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उन्हें अन्य बीमारियां थीं और उनमें कोविड का पता अचानक लगा।
क्या JN.1 अन्य कोरोना वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक या गंभीर है?
JN.1 BA.2.86 से जुड़ा है जो ओमिक्रॉन का एक वंशज है। पिछले साल गर्मियों में इसके कारण कोरोना के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दोनों वैरिएंट लगभग एक जैसे हैं। उनके स्पाइक प्रोटीन में बहुत मामूली अंतर है। स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा होता जो इसे मानव कोशिकाओं पर आक्रमण करने की इजाजत देता है। नया वैरिएंट इम्यून सिस्टम को चकमा देने में ज्यादा असरदार है। इसका मतलब है कि इंफेक्शन होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
कोविड वैरिएंट JN.1 के लक्षण क्या हैं?
कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के लक्षणों में ये चीजें शामिल हैं:
- बुखार
- थकान
- नाक बहना
- गले में खराश
- सिरदर्द
- खांसी
- कंजेशन
- कुछ मामलों में स्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं



