हजारीबाग सीट पर आजसू पार्टी की नजर, जेपी नड्डा के करीबी जयंत सिन्हा का टिकट कंफर्म या बीजेपी के अंदर मिलेगी चुनौती!
झारखंड में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र अटल-आडवाणी के जमाने में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के चुनाव लड़ने के कारण चर्चा में रहा। बाद में उनके पुत्र जयंत सिन्हा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और केंद्र में मंत्री भी बने। इस बीच यशवंत सिन्हा ने बीजेपी से दूरियां बना ली। लेकिन 2019 के चुनाव में दूसरी बार जयंत सिन्हा ने चुनाव में जीत हासिल की। मगर इस बार वे केंद्र में मंत्री बनने से चूक किए गए। जयंत सिन्हा ने पहली बार दो लाख के अंतर से बाजी मारी थी, लेकिन पिछले चुनाव में वे 4.79 लाख से अधिक अंतर से चुनाव जीते। इस बार हजारीबाग संसदीय सीट पर एनडीए में शामिल आजसू पार्टी की नजर है। राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि आजसू पार्टी की ओर से वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गिरिडीह की जगह हजारीबाग सीट की मांग की जा रही है।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू पार्टी गठबंधन को राज्य की 14 में से 12 सीटों पर जीत मिली। बीजेपी ने आजसू पार्टी के लिए सिर्फ गिरिडीह सीट छोड़ी। 13 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इस गठबंधन का बीजेपी को फायदा मिला। बीजेपी के 13 में से 11 उम्मीदवार विजयी रहे। जबकि गिरिडीह संसदीय सीट से बीजेपी के सहयोग से आजसू पार्टी प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी भी विजयी रहे। पांच साल के बाद अब आजसू पार्टी और बीजेपी नेता सीट की अदला-बदली करने पर विचार कर रहे है। दोनों दलों के नेता इस बदलाव में अपने फायदे की तलाश कर रहे हैं।
चंद्रप्रकाश चौधरी और आजसू पार्टी का हजारीबाग क्षेत्र में प्रभाव
हजारीबाग संसदीय क्षेत्र के आने वाले रामगढ़ विधानसभा सीट से अभी आजसू पार्टी की सुनीता देवी विधायक है। सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता देवी ने सरकारी स्कूल में शिक्षक पद से त्यागपत्र देकर वर्ष 2019 में रामगढ़ से पहला लड़ा। लेकिन वो पहले चुनाव में हार गईं, लेकिन 2023 के उपचुनाव में सुनीता देवी चुनाव जीतने में सफल रही। रामगढ़ सीट से चंद्रप्रकाश चौधरी भी तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। वहीं हजारीबाग संसदीय क्षेत्र के बड़कागांव और मांडू विधानसभा चुनाव में भी पिछले चुनाव में आजसू पार्टी ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। यही कारण है कि चंद्रप्रकाश चौधरी अपने परंपरागत सीट की ओर से लौटना चाहते हैं। वहीं गिरिडीह सीट का पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके बीजेपी के पूर्व सांसद रबीन्द्र पांडेय भी चाहते है कि आजसू पार्टी के हजारीबाग शिफ्ट हो जाने से वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें फायदा मिल सकेगा।



