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बिहार में 17 साल vs 17 महीने की लड़ाई कैसे जीतेंगे तेजस्वी? रणनीति जानकर उड़ जाएंगे होश

बिहार में जदयू के फिर से एनडीए में शामिल होने के बाद राजद भले सरकार से बाहर हो गई हो, लेकिन, राजद के नेता तेजस्वी यादव इतनी जल्दी हार नहीं मानने वाले हैं। राजद पिछले 17 महीनों तक चली महागठबंधन की सरकार में मिली सरकारी नौकरियों को अब भुनाने की तैयारी में है। राजद की ओर से पटना की सड़कों पर इससे संबंधित कई तरह के न केवल पोस्टर लगाए जा रहे हैं, बल्कि, राजद अपने सोशल मीडिया हैंडल से भी इन कार्यों का श्रेय तेजस्वी यादव को देकर इसे प्रचारित कर रही है।

सोशल मीडिया पर भी प्रचार

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हालांकि, जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन कहते हैं कि बिहार में सात निश्चय के तहत लाखों लोगों को नौकरियां दी गई है। नौकरियों का झूठा सेहरा लेना राजद को बंद करना चाहिए। नीतीश कुमार के किए गए कार्यों को वे लोग अपना बता रहे हैं। सभी लोग इस बात को जानते हैं कि 2020 में नीतीश कुमार ने 10 लाख सरकारी नौकरियां और 10 लाख रोजगार की बात कही थी।

बिहार की अखबारों में विज्ञापन

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तेजस्वी से जुड़े विज्ञापन बिहार के अखबारों में भी दिखने लगे हैं। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि इसमें बुराई क्या है। प्रदेश में जो कार्य 17 साल में नहीं हुए, वो 17 महीने में हुए। राजद सत्ता में आई और बहाली की रफ्तार तेज की। कई तरह की पॉलिसियां लाई गई।

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