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भारत ने प्रेषण में $100 बिलियन का आंकड़ा पार किया!

पहला पैराग्राफ: विश्व बैंक के अनुसार, भारत लगातार प्रवासी भारतीयों (NRI) से प्राप्त धन प्रेषण का शीर्ष प्राप्तकर्ता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में, प्रेषण राशि $100 बिलियन के आंकड़े को पार कर $112 बिलियन तक पहुंच गई, जिसमें सिर्फ दिसंबर तिमाही में ही रिकॉर्ड $29 बिलियन का प्रेषण आया।

दूसरा पैराग्राफ: आ inward remittance या प्रेषण वह धन है जो विदेश में रहने वाले भारतीय अपने परिवारों या भारत में अन्य लोगों को भेजते हैं। यह धन आर्थिक सहायता, संपत्ति निवेश या बड़े खर्चों के लिए हो सकता है। प्रेषण भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है और विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद करता है।

तीसरा पैराग्राफ: प्रेषण में वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार, विदेशों में भारतीयों की बेहतर कमाई और डिजिटल मनी ट्रांसफर की सुविधा जैसे कारक प्रेषण को बढ़ावा दे रहे हैं।

चौथा पैराग्राफ: भविष्य में प्रेषण की प्रवृत्ति के बारे में निश्चित रूप से कहना मुश्किल है। वैश्विक आर्थिक स्थिति और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जैसे कारक इसे प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, भारत के एक मजबूत और कुशल आईटी क्षेत्र और विदेशों में भारतीय पेशेवरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, आने वाले वर्षों में प्रेषण में वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है।

पांचवां पैराग्राफ: कुल मिलाकर, प्रेषण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय स्रोत है। डिजिटल प्रौद्योगिकी और आर्थिक सुधारों के साथ, प्रेषण में वृद्धि की उम्मीद है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।

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