मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले मंत्रिपरिषद की सलाह पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य इस बर्बर हमले के खिलाफ एकजुटता का संदेश देना और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करना था।
विधानसभा में पेश किए गए इस प्रस्ताव में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया गया। सदस्यों ने इस कायराना हरकत की कड़ी निंदा की और इसे कश्मीर की शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश बताया। प्रस्ताव में आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प व्यक्त किया गया और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस अवसर पर कहा कि यह हमला न केवल निर्दोष लोगों पर हमला है, बल्कि यह कश्मीरियत और हमारे संविधान के मूल्यों पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस दुख की घड़ी में कश्मीर के लोगों के साथ खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हर संभव मदद करेगा। विधानसभा ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।



