असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को दावा किया कि 2041 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य बन सकता है और कहा कि मुस्लिम आबादी हर दस साल में लगभग 30 प्रतिशत बढ़ रही है।
सरमा ने कहा कि सांख्यिकीय नमूने के अनुसार असम की जनसंख्या का 40 प्रतिशत अब मुस्लिम है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर हिंदू जनसंख्या की तुलना में अधिक है और इस दर से 2041 तक मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक हो जाएगी।
सरमा के बयान पर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद दानिश अली ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और मुख्यमंत्री पर झूठ फैलाने और विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया। अली ने कहा कि 1951 में असम में मुस्लिम आबादी लगभग 25 प्रतिशत थी और 2011 में यह 34.22 प्रतिशत थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि असम के क्षेत्र से नए राज्यों के गठन के कारण ऐसा प्रतीत हो सकता है, जिनमें नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय शामिल हैं।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरमा को उनके रिकॉर्ड की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले ही सरमा अल्पसंख्यक-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में नाचते और गाते देखे गए थे। गोगोई ने ट्वीट किया, “भारत के लोगों ने मंगलसूत्र और मंदिर की राजनीति को खारिज कर दिया है।”
बुधवार को सरमा ने राज्य की बदलती जनसांख्यिकी को “जीवन और मृत्यु का मामला” बताया और कहा, “असम में आज मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत हो गई है। 1951 में यह 12 प्रतिशत थी। हमने कई जिलों को खो दिया है।”


