इन संशोधनों का उद्देश्य योजना की समग्र संरचना और लाभों में सुधार करना है, जो विपक्ष की आलोचना का सामना कर रही है और सेना के आकांक्षियों द्वारा विरोध किया गया है। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अग्निवीरों के प्रतिधारण प्रतिशत बढ़ाने पर चल रही विचार-विमर्श है, जिससे उनमें से अधिक संख्या अपने प्रारंभिक चार वर्षीय कार्यकाल से परे पूर्णकालिक सेवा में जारी रह सके।
अग्निपथ योजना क्या है? केंद्र सरकार ने 2022 में सशस्त्र बलों को दुबला-पतला बनाने और रक्षा पेंशन बिल को कम करने के प्रयास में अग्निपथ योजना का अनावरण किया था। इस योजना के अनुसार, अग्निवीर नामक कार्मिकों को सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती किया जाता है। कुल वार्षिक भर्ती में से केवल 25% को स्थायी कमीशन के तहत जारी रखने की अनुमति है। हालांकि, अग्निपथ योजना का देश भर में विरोध हुआ, जिसमें सेना के आकांक्षियों ने यह चिंता जताई कि चार साल बाद सेवा छोड़ने वालों को अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ेगा।
अग्निपथ योजना का विरोध तब और तेज हो गया जब केंद्र सरकार ने अग्निवीरों को सेना में चार साल की सेवा के बाद केवल एक बार स्थायी कमीशन देने का फैसला किया। इस फैसले के कारण सेना के आकांक्षियों में काफी नाराजगी हुई, जिन्होंने स्थायी कमीशन के लिए प्रतिस्पर्धा करने की उम्मीद की थी।
केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना में कुछ बदलाव करने की योजना बनाई है। सरकार अग्निवीरों के वेतन और भत्तों में वृद्धि करने की योजना बना रही है। सरकार अग्निवीरों के लिए अधिक स्थायी कमीशन पदों की भी योजना बना रही है।
अग्निपथ योजना में बदलाव से सेना के आकांक्षियों को योजना के प्रति अधिक आकर्षित होने की उम्मीद है। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि केंद्र सरकार अग्निपथ योजना में कितने बदलाव करेगी।



