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राजभवन में गवर्नर की प्रतिमा अनावरण विवाद पर जांच समिति गठित.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राजभवन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि गवर्नर सीवी आनंद बोस ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर खुद की प्रतिमा का अनावरण नहीं किया है।

मीडिया में आई खबरों को लेकर राजभवन ने दो सदस्यीय समिति गठित कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

मुख्य बिंदु:
मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन: राजभवन ने बताया कि यह प्रतिमा गवर्नर को एक मूर्तिकार द्वारा भेंट की गई थी, न कि राजभवन परिसर में स्थापित की गई।
गलत जानकारी का दावा: गवर्नर के कार्यालय ने “प्रतिमा के अनावरण” की खबरों को गलत और भ्रामक बताया।
कलाकारों की प्रस्तुतियां:
कई कलाकार गवर्नर को अपनी कृतियां भेंट करते हैं।
इस प्रतिमा को भी एक मूर्तिकार ने भेंट किया था।
षड्यंत्र का आरोप: राजभवन ने इसे गवर्नर की छवि को खराब करने की साजिश करार दिया।
जांच समिति: दो सदस्यीय पैनल गठित किया गया है, जो मामले की जांच कर दो दिनों में रिपोर्ट सौंपेगा।
गवर्नर का कार्यकाल:
सीवी आनंद बोस ने 23 नवंबर 2021 को पश्चिम बंगाल के गवर्नर का पद संभाला था।
उनके कार्यकाल में राज्य सरकार के साथ कई बार टकराव हुआ है।
विवाद के कारण:
राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति।
गवर्नर कार्यालय में कथित जासूसी।
राजभवन का बयान:
गवर्नर ने राजभवन परिसर में कोई प्रतिमा स्थापित नहीं की।
इस विवाद को “बाहरी साजिश” बताया गया।

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