उन्होंने द्रमुक (DMK) सरकार पर संविधान और राष्ट्रीय गान का अपमान करने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने किया पलटवार
मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्यपाल के व्यवहार को “बचकाना” बताते हुए कहा कि यह राज्य के लोगों, निर्वाचित सरकार और विधानसभा का अपमान है। DMK ने मंगलवार को राज्यभर में राज्यपाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया।
राष्ट्रीय गान को लेकर विवाद
राज्यपाल ने आरोप लगाया कि विधानसभा में राष्ट्रीय गान गाने से इनकार किया गया। DMK सरकार ने जवाब दिया कि परंपरा के अनुसार राज्य गीत “तमिल थाई वज़्थु” को संबोधन से पहले और राष्ट्रीय गान को बाद में गाया जाता है।
AIADMK और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
AIADMK ने विधानसभा में राज्यपाल के सामने तख्तियां लहराईं और “Who is that Sir?” बैज पहना। कांग्रेस ने राज्यपाल, बीजेपी और पीएमके के खिलाफ वॉकआउट किया।
सदन में राज्यपाल का अभिभाषण नहीं
राज्यपाल के सदन छोड़ने के बाद, स्पीकर एम. अप्पावु ने सरकार द्वारा तैयार किए गए अभिभाषण को पढ़ा। इसे लेकर AIADMK नेता पलानीस्वामी ने कहा कि यह इतिहास में पहली बार हुआ है।
डीएमके सरकार का आरोप
DMK ने कहा कि राज्यपाल ने 2023 और 2024 में भी पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ा था। मंत्री दुरईमुरुगन ने सदन में प्रस्ताव रखा कि केवल सरकार द्वारा तैयार किया गया अभिभाषण ही रिकॉर्ड का हिस्सा होगा।
राजभवन का बयान
राजभवन ने ट्वीट किया कि संविधान और राष्ट्रीय गान का अपमान किया गया। राज्यपाल ने सदन को संविधान का पालन करने की अपील की थी।
विरोध और आरोप-प्रत्यारोप
AIADMK ने कहा कि सरकार आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है। वहीं, डीएमके ने इसे राज्यपाल की मंशा पर सवाल उठाने वाला बताया।
मुख्य बिंदु:
तमिलनाडु विधानसभा में टकराव
राज्यपाल का अभिभाषण दिए बिना सदन छोड़ना
राष्ट्रीय गान को लेकर विवाद
AIADMK और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
डीएमके का प्रदर्शन का ऐलान



