उन्होंने उम्मीदवारों से आग्रह किया है कि वे इन्हें अपने घोषणापत्र में शामिल करें। प्रमुख समस्याओं में पानी की कमी, खराब सड़कें, अतिक्रमण, यातायात, सीवेज, ध्वनि प्रदूषण, बिजली कटौती और विकास योजनाओं का कार्यान्वयन शामिल हैं।
पुणे के मोहम्मदवाड़ी और उंड्री के निवासी लंबे समय से पानी की कमी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। यहां के 60 से अधिक हाउसिंग सोसाइटी में लोग निजी टैंकरों पर निर्भर हैं। न्याती चेस्टरफील्ड के निवासी सुनील अय्यर ने बताया कि बीते 20 वर्षों में बुनियादी सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है।
नाराज निवासियों ने चुनाव बहिष्कार की भी सोची और “नो वाटर, नो वोट” बोर्ड लगाए। लेकिन आखिर में उन्होंने उम्मीदवारों को मौका देने के लिए घोषणा पत्र सौंपा। मोहम्मदवाड़ी-उंड्री निवासी फाउंडेशन के सदस्य सुनील कोलोटी ने बताया कि भारी कर देने के बावजूद उनके इलाके में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं।
स्थानीय उम्मीदवारों, एनसीपी के संभाजी झेंडे और शिवसेना के विजय शिवतारे को अपनी मांगों से अवगत कराया गया। शिवतारे की बेटी ने घोषणा पत्र स्वीकार किया और कहा कि पानी आपूर्ति के दीर्घकालिक और तात्कालिक समाधान पर चर्चा हुई। एनसीपी उम्मीदवार झेंडे ने भी विकास योजना और शहर के तेजी से बढ़ते जनसंख्या दबाव पर जोर दिया।
रविवार को कालनानी नगर में “नो योर कैंडिडेट्स” बैठक का आयोजन हुआ, जहां निवासियों ने अपनी समस्याओं और मांगों को साझा किया। इसी तरह, कोथरुड में बालेवाड़ी, बाणेर और पाषाण के निवासी भी अपने मुद्दों पर आधारित दस्तावेज तैयार कर रहे हैं, जिसे उम्मीदवारों को सौंपा जाएगा।


