बीजिंग/ढाका: चीन और बांग्लादेश ने शुक्रवार को नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और स्वास्थ्य क्षेत्र में समझौते शामिल हैं।
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान ढाका में हुई छात्र विरोध प्रदर्शन का ज़िक्र किया और शांति स्थापना में चीन की भूमिका बढ़ाने का आग्रह किया।
इस मुलाकात के बाद बांग्लादेश को चीन सरकार और कंपनियों से 2.1 अरब डॉलर के निवेश, ऋण और अनुदान का आश्वासन मिला।
बैठक के बाद संयुक्त बयान में बताया गया कि बांग्लादेश ने चीनी कंपनियों को तीस्ता नदी प्रबंधन परियोजना और मोंगला पोर्ट के आधुनिकीकरण में भाग लेने का निमंत्रण दिया है।
यूनुस ने चीन को बांग्लादेश के जल संसाधन प्रबंधन के लिए 50 वर्षीय मास्टर प्लान बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने चीनी जल प्रबंधन प्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि चीन ने जल समस्याओं के समाधान में बेहतरीन काम किया है।
शी जिनपिंग ने बांग्लादेशी उत्पादों को ज़ीरो टैरिफ की सुविधा 2028 तक जारी रखने का आश्वासन दिया। साथ ही चीन-बांग्लादेश के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) और इन्वेस्टमेंट एग्रीमेंट की बातचीत शुरू करने की इच्छा भी जताई।
यूनुस ने चीन से बांग्लादेश को दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज दर को 3% से घटाकर 1-2% करने और चीनी परियोजनाओं पर कमिटमेंट फीस माफ करने का अनुरोध किया।
बैठक में दोनों देशों ने जल संसाधन प्रबंधन, बाढ़ रोकथाम, जल पुनरुद्धार और समुद्री सहयोग पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
यूनुस ने बीजिंग दौरे के दौरान चीनी निवेशकों को बांग्लादेश में उद्योगों को स्थानांतरित करने के लिए आमंत्रित किया, जिससे अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव कम किया जा सके।
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब यूनुस आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बैंकॉक जाने वाले हैं, जहां उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का अनुरोध किया है।


