नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा में चर्चा और पारित करने से पहले, बुधवार को दिल्ली बीजेपी ने विजय चौक और रेल भवन क्रॉसिंग पर प्रदर्शन किया।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में पार्टी कार्यकर्ताओं ने “धन्यवाद मोदी, वक्फ बिल में पिछड़े मुस्लिमों के लिए हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए” लिखे पोस्टर थाम रखे थे।
सचदेवा ने कहा कि यह विधेयक गरीब मुस्लिमों के उत्थान और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए लाया गया है। इससे उन लोगों को कानूनी संरक्षण मिलेगा, जिनके अधिकारों का हनन हुआ है।
उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वे मुस्लिम समुदाय के कल्याण के उपायों के खिलाफ क्यों हैं?
यह संशोधन विधेयक 1995 के वक्फ अधिनियम में कई बड़े बदलाव लाने का प्रस्ताव करता है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्डों में प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान शामिल है।
विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के अनुसार, यह मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रस्ताव करता है, जिसमें वक्फ बोर्ड को यह तय करने की शक्ति दी गई थी कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता से संचालित करने में मदद करेगा।
बीजेपी नेताओं ने जोर देकर कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हाशिए पर मौजूद वर्गों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इस विधेयक में कुछ विवादास्पद प्रावधान हैं, जिन पर अधिक चर्चा की जरूरत है।
सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ बोर्डों की जवाबदेही बढ़ाएगा और संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा।
इस विधेयक को लेकर संसद में सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है।



