चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन ने वक्फ (संशोधन) बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान की संरचना पर हमला है और इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी।
स्टालिन ने जताया कड़ा विरोध
स्टालिन ने विधानसभा में काले बैज पहनकर विरोध जताया।
उन्होंने कहा कि यह बिल धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाला है।
बिल को रात 2 बजे पास करने को भी अनुचित करार दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने अपने सहयोगियों के दबाव में बिल पारित किया।
डीएमके इसे अदालत में चुनौती देकर कानूनी लड़ाई लड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर होगी याचिका
स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु इस कानून के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म करने वाला है।
मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर यह बड़ा खतरा है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार इस बिल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी।
डीएमके जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी।
राज्य विधानसभा में पहले हो चुका है विरोध
27 मार्च को तमिलनाडु विधानसभा ने इस बिल के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था।
स्टालिन ने कहा कि अधिकांश दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
सिर्फ भाजपा ने इस बिल का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि यह कानून अल्पसंख्यकों को हाशिए पर धकेलने का प्रयास है।
उन्होंने केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की।
तमिलनाडु सरकार का रुख सख्त
डीएमके सरकार इसे संविधान विरोधी मानती है।
स्टालिन ने कहा कि यह कानून लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
उन्होंने विपक्षी दलों से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की।
राज्य सरकार मुस्लिम समुदाय के साथ खड़ी रहेगी।
तमिलनाडु में इस कानून को लागू नहीं होने दिया जाएगा।


