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दुग्ध उत्पादकों को नहीं होगी भूसे की परेशानी, अब घर में 50 प्रतिशत अनुदान में मिलेगा भूसा

दुग्ध उत्पादकों के सामने भूसे की समस्या को देखते हुए दुग्ध विकास विभाग ने भूसे पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया। कैडल फीड निर्माण ईकाई द्वारा दुग्ध समितियों के माध्यम से घर तक आधी कीमत में भूसा पहुंचाएगा।सरकार के इस निर्णय से दुग्ध उत्पादकों ने राहत की सांस ली है। पेपर मिलों समेत अन्य मिलों में भूसे के इस्तेमाल के बाद दुग्ध उत्पादकों के सामने भूसे की समस्या है। उत्पादकों को भूसा उपलब्ध नहीं हो रहा है। भूसे की आसमान छूती कीमतों के चलते दुग्ध उत्पादन भी प्रभावित होने लगा है।

पशुपालक अपने जानवरों को औने- पौने दाम में बेचने को मजबूर हो गए है। जिसको देखते हुए दुग्ध विकास विभाग ने पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों में भूसे में 50 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया।उत्तराखंड कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रशासक मुकेश सिंह बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने वर्तमान में भूसे की समस्या को देखते हुए भूसे में 50 प्रतिशत की सब्सिडी देने का एलान किया है। 

उन्होंने बताया कि जिस दुग्ध उत्पादक को भूसे की आवश्यकता होगी। वह अपनी गांव की दुग्ध समिति में सचिव को आर्डर नोट करा कर आधी कीमतों में घर पर भूसा प्राप्त करेगा। 

Source-Dainik Jagran

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