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रिश्वतखोरी के आरोप में फंसे रांची के पूर्व सीओ प्रदीप कुमार, मुकदमा चलाने को सरकार की मंजूरी.

राज्य सरकार ने दी अनुमति, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच के बाद तीन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई.

रांची: भ्रष्टाचार के खिलाफ झारखंड सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए रांची के रातू अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी (सीओ) प्रदीप कुमार समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। इन पर भूमि संबंधी कार्यों में रिश्वत लेने का गंभीर आरोप है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच के बाद यह निर्णय लिया गया है।

क्या है पूरा मामला:
प्रदीप कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए एक जमीन से संबंधित फाइल पास करने के एवज में शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की थी। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने जांच शुरू की थी और साक्ष्यों के आधार पर पाया कि रिश्वत की मांग और लेन-देन की पुष्टि होती है।

जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गई थी, जिसके आधार पर अब अभियोजन स्वीकृति दे दी गई है। प्रदीप कुमार के साथ दो अन्य राजस्वकर्मियों पर भी इसी मामले में संलिप्तता का आरोप है, जिनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासनिक सख्ती का संकेत:
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का संकेत देती है। राज्य के कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि ऐसे मामलों में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और नियमानुसार सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आगे की प्रक्रिया:
अब मामला विशेष अदालत में चलेगा, जहां आरोपी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सुनवाई की जाएगी। यदि दोष सिद्ध होता है, तो उन्हें सेवा से बर्खास्तगी के साथ-साथ जेल की सजा भी हो सकती है।

यह मामला राज्य में प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। वहीं, आम नागरिकों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी लगातार होती रहेगी।

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