यहाँ के एक दिव्यांग किसान ने नींबू की पैदावार से लाखों रुपये कमाए हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी कड़ी मेहनत और बुद्धिमत्ता का शानदार उदाहरण है। यह कहानी उन किसानों के लिए आशा की किरण है जो अक्सर प्राकृतिक आपदाओं से जूझते रहते हैं।
शशिकांत गणेश इंगोले नामक इस किसान ने बताया कि किसानों को सफलता के लिए बुद्धिमत्ता का उपयोग करना चाहिए और कृषि विभाग से मार्गदर्शन लेना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से मानसून के दौरान फूलों को आने से रोकने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करने की सलाह दी। बीड जैसे क्षेत्र में, जहाँ पानी की कमी एक बड़ी समस्या है, इंगोले ने नींबू की खेती के लिए वैज्ञानिक तरीकों और सिंचाई के कुशल प्रबंधन का उपयोग किया। उनके इस प्रयास ने साबित कर दिया कि सही रणनीति और समर्पण से कम संसाधनों में भी बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
शशिकांत इंगोले की यह सफलता न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि यह अन्य किसानों, विशेषकर दिव्यांग किसानों के लिए भी एक मिसाल कायम कर रही है। उनका मानना है कि कृषि केवल पारंपरिक तरीकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें नवाचार और विशेषज्ञ सलाह का भी महत्वपूर्ण स्थान है। यह कहानी दर्शाती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन से कैसे कोई भी व्यक्ति चुनौतियों को अवसरों में बदल सकता है।



