रांची से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए मौजूदा स्थिति बेहद कठिन हो गई है। इंडिगो की उड़ानें लगातार रद्द हो रही हैं और अब रेलवे ने झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस भी दो महीने के लिए रोक दी है। इससे साफ है कि यात्रियों के पास न उड़ान का विकल्प है, न रेल का।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में सार्वजनिक सुविधाएँ जनता की सहूलियत के लिए होती हैं, न कि असुविधा देने के लिए। सिर्फ रिफंड दे देना समाधान नहीं है। यात्रियों को विकल्प मिलना चाहिए। प्रशासन अगर तुरंत कदम नहीं उठाता, तो आने वाले दिनों में स्थिति और बदतर हो सकती है।
ज़रूरत है कि तत्काल स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएं, उड़ानों को बहाल किया जाए और समन्वय बढ़ाया जाए। अगर यह नहीं हुआ, तो जनता की नाराज़गी और बढ़ेगी और यह केवल परिवहन नहीं बल्कि भरोसे का संकट बन जाएगा।



