व्रत रखने वाली महिलाओं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे श्रद्धा और विश्वास का एक अद्भुत माहौल बन गया। इस पवित्र अवसर पर, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी यमुना घाट पर आयोजित समारोहों में शामिल हुईं और व्रतियों को शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर सूर्य देव को अर्घ्य दिया और सभी व्रतियों के साथ मिलकर पूजा-अर्चना की। उन्होंने छठ पर्व को सामूहिक एकता और प्रकृति पूजा का प्रतीक बताया। घाटों पर जुटे लाखों श्रद्धालुओं ने छठ मैया से अपने परिवार की सुख-समृद्धि और कुशलता की कामना की। दिल्ली सरकार ने छठ महापर्व को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी घाटों पर व्यापक इंतजाम किए थे, जिनमें सुरक्षा, साफ-सफाई और चिकित्सा सहायता शामिल थी। हालांकि, यमुना नदी में प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार को आलोचना का सामना भी करना पड़ा, जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने नदी की सफाई के लिए प्रतिबद्धता दोहराई।
यह चार दिवसीय पर्व, जिसकी शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से हुई थी, अब सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। छठ पूजा के दौरान दिल्ली के कई हिस्सों में स्थानीय अवकाश भी घोषित किया गया था, ताकि लोग इस महापर्व को पूरी श्रद्धा के साथ मना सकें। प्रशासन ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। इस महापर्व ने एक बार फिर दिल्ली की विविध संस्कृति और धार्मिक सौहार्द को मजबूती से दर्शाया है।



