शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य लेने पर रोक, इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश.
इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य लेने पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि शिक्षकों को केवल पढ़ाने का काम सौंपा जाए, उन्हें अन्य किसी भी काम के लिए नहीं लगाया जा सकता।
यह फैसला एक शिक्षक की याचिका पर सुनाया गया, जिसका वेतन उप जिला मजिस्ट्रेट (SDM) द्वारा गैर-शैक्षणिक कार्य करने के कारण रोक दिया गया था। कोर्ट ने इस आदेश को गलत करार देते हुए शिक्षक का वेतन बहाल करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को आदेश दिया है कि वे शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक काम करने से रोकने के लिए आवश्यक आदेश जारी करें। कोर्ट ने कहा कि शिक्षक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें केवल शिक्षण कार्य पर ध्यान केंद्रित करने देना चाहिए।
यह फैसला शिक्षकों के हित में एक बड़ी जीत है। इससे शिक्षकों को अपनी मूल जिम्मेदारी निभाने में मदद मिलेगी और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।


