World

भारत के SCO पर दांव से परेशान है चीन, पीएम मोदी के ग्‍लोबल साउथ पर मास्‍टरस्‍ट्रोक से घबराया है ड्रैगन, खुलासा

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की मेजबानी की थी। इसके बाद अब सितंबर में जी-20 सम्‍मेलन का आयोजन होना है। इस आयोजन के बाद से ही चीन का मिजाज बिगड़ा हुआ है। विदेश नीति के जानकारों की मानें तो चीन को लगता है कि भारत ने एससीओ की ऑनलाइन मेजबानी करके गलत किया है। वहीं यह बात भी सच है कि चीन को इस बात से भी खासी परेशानी है कि पीएम मोदी ग्‍लोबल साउथ तक पहुंच बनाने के लिए जरूरी विकल्‍पों को आगे बढ़ा रहे हैं। ग्‍लोबल साउथ को लेकर उनकी सोच चीन को परेशान करने वाली हैं। ऐसे में फिलहाल भारत और चीन के बीच रिश्‍ते ठीक होते नजर नहीं आ रहे हैं।

पीएम मोदी का मास्‍टरस्‍ट्राक

पिछले महीने चीन में एक आयोजन हुआ था जिसमें दुनियाभर से कूटनीति के जानकार पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में ही भारत और चीन के मसले पर भी बंद कमरे में बातचीत हुई। इस दौरान कुछ रिटायर्ड और पद पर रहने वाले कई चीनी अधिकारी भी चर्चा के लिए मौजूद थे। जानकारों का कहना है कि भारत के अमेरिका के साथ संबंधों और ग्लोबल साउथ तक उसकी पहुंच को लेकर चीन की कुछ संभावित चिंताएं हैं। इस बात को लेकर चिंता थी कि क्या भारत चीन को ग्लोबल साउथ से बाहर करने की कोशिश कर रहा है। वह इसलिए ऐसा सोच रहा है क्‍योंकि पीएम मोदी ने तैयारियों के तहत ग्लोबल साउथ की बैठक बुलाने की पहल की थी।

जी-20 सम्‍मेलन से हैरान
जानकारों की मानें तो ऐसा लगता है कि जी20 शिखर सम्मेलन ने चीन को हैरान कर दिया है। चीनी को इस बात से भी तकलीफ है कि भारत ने एससीओ की ऑनलाइन मेजबानी करके उसके साथ दोएम दर्जे का बर्ताव किया है। सूत्रों ने इस बात की जानकारी भी है कि चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने कुछ महीनों में दो बार भारत यात्रा का प्रस्‍ताव ठुकराया है। यह बात भी स्‍पष्‍ट है कि चीन सीमा पर 2020 से पहले की स्थिति में वापस जाने की इच्छा नहीं रखता है। ऐसे में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की तैनाती संभवतः जारी रहेगी। लेकिन वहीं यह बात भी सच है कि चीन गलवान झड़प को एक दुर्घटना मानता है।

एलएसी पर स्थिति असामान्‍य
चीनी अधिकारी लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सीमा मुद्दे को रिश्‍तों का एक बिंदु देखना चाहिए न कि इससे पूरे संबंधों को परिभाषित किया जाना चाहिए। भारत इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है। भारत का मानना है कि सीमा पर स्थिति ‘असामान्य’ है और इससे द्विपक्षीय संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। चीन कहता है कि सीमा पर स्थिति ‘स्थिर’ है और भारत इससे इनकार करता है। भारतीय पक्ष स्वीकार करता है कि टकराव के कुछ क्षेत्रों को सुलझाने में प्रगति हुई है लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में टकराव बरकरार है। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में हिंसक झड़प के बाद से मामला जटिल हो गया है। चीन इस हिंसा से पहले की स्थिति पर लौटने के लिए तैयार नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button