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योगी सरकार में शामिल हो सकते हैं राजभर और चौहान, अगस्त में कैबिनेट विस्तार संभव

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है। इस क्रम में केंद्र से लेकर राज्य सरकार के स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट में बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि संसद के मॉनसून सत्र के बाद मोदी कैबिनेट में कुछ बदलाव दिख सकता है। वहीं, देश के सबसे बड़े राज्य और 80 विधानसभा वाले उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार के कैबिनेट में बदलाव की भी चर्चा शुरू हो गई है। दावा किया जा रहा है कि अगस्त के पहले सप्ताह में योगी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। यूपी चुनाव 2022 के बाद गठित योगी कैबिनेट यह पहला विस्तार होगा। पिछले दिनों योगी सरकार के मंत्रियों के कार्यों की समीक्षा भी हुई है। ऐसे में कुछ अन्य मंत्रियों के भी बदले जाने की चर्चा चल रही है। हालांकि, योगी कैबिनेट में समाजवादी पार्टी से भाजपा में वापसी करने वाले दारा सिंह चौहान को जगह मिलने की चर्चा की जा रही है। वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी योगी सरकार का हिस्सा हो सकते हैं।

विभागों पर चल रहा विचार

ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान भी कैबिनेट का हिस्सा बने थे। उस समय उन्हें पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग जन सशक्तिकरण मंत्री बनाया गया था। 2019 में उन्होंने योगी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। पिछले दिनों ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए में वापसी की है। इसके बाद उनके योगी कैबिनेट में वापसी की भी चर्चा चल रही है। इसके अलावा जनवरी 2022 तक दारा सिंह चौहान योगी कैबिनेट में वन, पर्यावरण और जूलॉजिकल गार्डन मंत्री के तौर पर काम कर रहे थे। यूपी चुनाव 2022 से पहले उन्होंने भाजपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया। घोसी विधानसभा सीट से चुनाव भी जीता। लेकिन, पिछले दिनों उन्होंने इस सीट और सपा से इस्तीफा देकर भाजपा में वापसी कर ली है। ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर उन्हें योगी सरकार में जगह मिल सकती है। हालांकि, उनके लोकसभा चुनाव 2024 में मऊ या घोसी से उम्मीदवार बनाए जाने की भी चर्चा चल रही है। इन दोनों नेताओं के विभागों को लेकर मंथन चलने की भी बात कही जा रही है।

यूपी चुनाव में भाजपा को हुआ था नुकसान

यूपी चुनाव 2022 में भाजपा को ओम प्रकाश राजभर, दारा सिंह चौहान जैसे ओबीसी नेताओं ने बड़ा नुकसान पहुंचाया था। इन नेताओं के साथ चलने वाला जातीय वोट बैंक पूरी तरह समाजवादी पार्टी की तरफ शिफ्ट हुआ। इसका असर यह हुआ कि आजमगढ़, गाजीपुर, अंबेडकरनगर जैसे जिलों में भाजपा का पत्ता साफ हो गया था। लोकसभा चुनाव में इस प्रकार के वोटों के बंटवारे से बचने के लिए पार्टी ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। योगी कैबिनेट विस्तार की खबरों को तब अधिक बल मिला, जब बुधवार को ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी गुरुवार को दिल्ली चले गए। मान जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से लेकर योगी कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर आलाकमान से चर्चा करेंगे।

विभागों पर लगाए जा रहे हैं कयास

ओम प्रकाश राजभर की योगी कैबिनेट में वापसी के बाद विभागों के मिलने को लेकर भी कयायों के दौर शुरू हो गए हैं। मिल रहे संकेतों के मुताबिक, राजभर को पंचायती राज विभाग का जिम्मा दिया जा सकता है। इसके अलावा दारा सिंह चौहान की भी योगी कैबिनेट में वापसी हो सकती है। सपा और विधायक पद से इस्तीफे के बाद खाली हुई घोसी सीट से भाजपा उन्हें चुनावी मैदान में उतार सकती है। इन दोनों के अलावा सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, अशोक कटारिया और महेंद्र सिंह को भी योगी कैबिनेट में जगह दिए जाने की चर्चा शुरू हो गई है।

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