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IIT दिल्ली, IIM बेंगलुरु से पढ़ाई, मिर्जापुर से ट्रांसफर के बाद DM दिव्या मित्तल का भावुक पोस्‍ट

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की डीएम रही दिव्या मित्तल का ट्रांसफर हो गया है। यूपी सरकार ने उन्हें बस्ती जिले का जिलाधिकारी बनाया है। 2013 बैच की आईएएस अधिकारी दिव्या मित्तल अपने कार्यों को लेकर खासी चर्चित रही हैं। हाल में उन्होंने मिर्जापुर के लहुरियादह जैसे पहाड़ी गांव तक पानी पहुंचाने की योजना को पूरा कराकर सुर्खियां बटोरी। आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई करने के बाद लंदन में नौकरी शुरू की। पति गगनदीप सिंह के साथ विदेश की धरती पर नौकरी करते हुए दोनों का मन नहीं रहा। अपने देश वापस लौटे। यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पहले गगनदीप और फिर दिव्या ने आईएएस क्रैक किया। दिव्या बताती हैं कि भटिंडा के छोटे से कस्बे गिदड़बाग में रहने वाले गगनदीप सिंह भी पढ़ाई में काफी तेज थे। पंजाब से प्रारंभिक पढ़ाई के बाद इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। शादी के बाद दिव्या के साथ ही नौकरी ज्वाइन की। गगनदीप सिंगापुर समेत कई जगहों पर नौकरी कर चुके थे। दिव्या कहती हैं कि विदेशों में पैसा बहुत था। फिर भी उनकी तरह गगनदीप का भी मन वहां नहीं लगा। उन्होंने उनसे वापस भारत चलने का निर्णय लिया। अच्छी नौकरी छोड़ने का फैसला करना मुश्किल था। दोनों यूपी कैडर के आईएएस हैं।

मिर्जापुर जिले का पिछले साल मिला था प्रभार

मिर्जापुर जिले का पिछले साल मिला था प्रभार

दिव्या मित्तल को सितंबर 2022 में मिर्जापुर डीएम के रूप में तैनात किया गया था। एक साल तक वे जिले के डीएम के रूप में कार्यरत रहीं। इस दौरान उनकी कार्यप्रणाली के कायल तमाम लोग हो गए। डीएम लोगों के साथ खड़ी दिखती थीं। किसानों का पानी दूसरे जिलों में छोड़े जाने को लेकर उन्होंने बैठक में अधिकारियों की क्लास लगा दी थी। ऑन स्पॉट लेखपाल को सस्पेंड कर उन्होंने अपने कड़क अंदाज का परिचय दिया था। एक सितंबर को जारी आदेश के तहत उन्हें बस्ती जिले का डीएम बनाया गया है।

ट्रांसफर के बाद लिखा भावुक पोस्ट​

मिर्जापुर जिले से ट्रांसफर के बाद आईएएस दिव्या मित्तल ने भावुक पोस्ट लिखा। ट्वीट कर उन्होंने कहा कि आज घर से सामान बांधते हुए हाथ और मन दोनों बहुत भारी है। सरकारी नौकरी में आना-जाना तो चलता ही रहता है। मिर्जापुर ने जितना प्रेम मुझे दिया है, उसको मैं जीवन पर्यंत नहीं भूल पाऊंगी। माता का मंदिर, गंगा जी का सानिध्य मुझे दुनिया में और कहां मिलेंगे? जिले में साक्षात शक्ति का निवास है, ऐसा मेरा मानना है। उन्होंने जिले की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप सभी का मैं हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करती हूं। मेरा नंबर बहुत अधिक कॉल और मैसेज आने की वजह से जाम है। आप सभी से निवेदन है कि कृपया मैसेज भेज दें। मैं सभी को जवाब देने का पूरा प्रयास करूंगी। उनके इस पोस्ट पर खूब प्रतिक्रिया आ रही है। लेखक और चिंतक शेष नाथ पांडेय ने लिखा कि एक लोकसेवक के रूप में आप पवित्र हृदय से काम करती हैं। आप जहां भी सेवा देती हैं, आपके इसी गुण के कारण लोग आपसे जुड़ जाते हैं। बस्ती के लोगों से भी आप जुड़ जाएंगी।

लहुरियादह से आया बधाई संदेश

डीएम दिव्या मित्तल पिछले दिनों लहुरियादह गांव में पानी की आपूर्ति कराने में सफल रहीं। करीब एक दशक से इस पहाड़ी गांव में जलापूर्ति का प्रयास चल रहा था। अधिकारियों ने हार मान ली थी। योजना को बंद कर दिया गया था। बीएचयू और अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ बैठक कर डीएम ने नए सिरे से योजना तैयार कराई। स्थिति का का आकलन किया। इसके बाद योजना को पूरा कराने में सफलता मिली। डीएम के ट्रांसफर के बाद लहुरियादह के ग्रामीण काफी दुखी हैं। एक महिला ने कहा कि कई अधिकारी आए, कई गए, लेकिन कोई पानी नहीं पिला पाया। डीएम मैडम आई तो गांव में पानी आया। भगवान उन्हें हमेशा खुश रखे। वह जहां रहें, खुश रहें। महिला के इस बयान का वीडियो सामने आने के बाद दिव्या मित्तल ने इसे अपनी असली कमाई बताया।

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