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G20 समिट के लिए नेपाल और UAE से क्यों मंगानी पड़ी लग्जरी गाडियां? जान लीजिए वजह

दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन को शुरू होने में अब बमु्श्किल 4 दिन ही बचे हैं। सुरक्षा से लेकर हर तरह की तैयारियां हो गई हैं। देश में पहली बार हो रहे इस तरह के बड़े आयोजन के लिए लग्जरी कारों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसलिए पहली बार लक्जरी किराए के वाहनों को नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात जैसे बाहरी देशों से मांग पूरी करने के लिए मंगाया जा रहा है। इतना ही नहीं, इन कारों में क्या सुविधाएं होनी चाहिए, किस ब्रांड के टिशू होने चाहिए आदि पर भी ध्यान दिया जा रहा है। भारत की सबसे पुरानी कार किराए पर लेने वाली कंपनी केटीसी इंडिया ने पिछले शनिवार को नेपाल से 25 टोयोटा कम्यूटर वैन मंगाई है। इसका अगला काम दुबई से एक लक्जरी वैन को लाना है।

नेपाल-दुबई से मंगाए जा रहे लग्जरी वाहन

केटीसी के प्रबंध निदेशक गुरुदेव अहलूवालिया ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस कार्यक्रम के लिए 1050 से अधिक लक्जरी वाहनों की आवश्यकता है और हम उस मांग का 63% पूरा कर रहे हैं। वाहनों को न केवल अन्य भारतीय शहरों से, बल्कि नेपाल से भी लाया गया है। हम दुबई से एक लेफ्ट-हैंड ड्राइव लक्जरी वैन लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नेपाल से वाहन तीन महीने के परमिट पर लाए गए थे।

वीवीआईपी मेहमानों के लिए यह है व्यवस्था
पिछले महीने टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया था कि दूतावासों और सरकार से लक्जरी वाहनों की मांग इतनी अधिक थी कि किराए पर देने वाली कंपनियों ने उदयपुर, जयपुर, चंडीगढ़ और मुंबई में वाहनों की तलाश की। चूंकि बाहर से आने वाले ड्राइवर दिल्ली के रास्तों से परिचित नहीं हैं, इसलिए उन लोगों को रास्ते दिखाने के लिए साथ ले जाया जाएगा, जो इन रास्तों से परिचित हैं। वीवीआईपी मेहमानों की ओर से उपयोग किए जाने वाले वाहन सुरक्षित कर लिए गए हैं। अतिरिक्त कारें उन प्रतिनिधिमंडलों के लिए हैं जो दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेंगे। अहलूवालिया ने कहा कि बड़े वाहन चलाते समय Google Maps को देखना मुश्किल है। इसलिए, हमने ड्राइवरों के साथ आने के लिए इंटर्न्स को काम पर रखा है। उनका बैकग्राउंड चेक किया गया है।

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