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नवाज शरीफ की अचानक क्यों पहुंचे पाकिस्तान, ‘मियां साहब’ की वापसी से सबसे ज्यादा खतरे में कौन?

पाकिस्तान के तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अचानक चर्चा में आ गए हैं। अदालत से उनको राहत मिलने और फिर 2 दिन के अंदर विशेष विमान से उनकी वापसी ने पाकिस्तान की सियासत में गर्मी बढ़ा दी है। पाकिस्तान में एंट्री करने के कुछ घंटे के भीतर उन्होंने लाहौर में एक बड़ी सभा की है। नवाज शरीफ की कोशिश पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और डांवाडोल आर्थिक स्थिति का फायदा उठाते हुए एक नाटकीय सियासी वापसी की है।

चार साल बाद पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ सबसे लंबे समय तक पाकिस्तान के प्रधान मंत्री रहे हैं। हालांकि तीन में से एक भी कार्यकाल नवाज शरीफ पूरा नहीं कर सके है। इस समय नवाज शरीफ को चीजें अपनी पक्ष में दिख रही हैं। उनके राजनीतिक विरोधी इमरान खान इस समय जेल में हैं। उनकी राजनीति खतरे में दिख रही है। वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में नवाज शरीफ को मैदान काफी हद तक साफ दिख रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच मियां साहब के नाम से मशहूर नवाज शरीफ को खुला राजनीतिक मैदान मिलता दिख रहा है।

इमरान खान बुरे दौर से गुजर रहे

2022 में विश्वास मत हासिल करने में नाकामयाब रहने के बाद पीएम पद खोने वाले इमरान खान की इस समय फौज से बिल्कुल नहीं बन रही है। इमरान ने पाकिस्तानी जनरलों और अमेरिका पर उन्हें राजनीतिक तौर पर खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। साफ है कि इमरान खान के पास अब सेना का समर्थन नहीं है। दूसरी ओर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीते चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल करने वाले इमरान खान का विकल्प पाक सेना भी तलाश रही है। नवाज शरीफ के लिए इस समय फौज की ओर से दिखाई गई गर्मजोशी की यही वजह है।

इस्लामाबाद के राजनीतिक विश्लेषक जैगम खान का कहना है कि नवाज शरीफ की पाकिस्तान में एंट्री सेना और उनकी पार्टी दोनों के लिए अहम है। सेना चाहती है कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पैदा हुए राजनीतिक खालीपन को नवाज शरीफ के जरिए भरा जाए। वहीं पार्टी को भी शरीफ की लीडरशिप की जरूरत है क्योंकि वही एक ऐसा चेहरा हो सकते हैं, जो इमरान खान को लोकप्रियता के मामले में टक्कर दे सकें।

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं

पाकिस्तान के आर्थिक हालात भी इस समय बेहद खस्ता हैं। दूसरी ओर नवाज शरीफ के 2013 से 2017 तक के कार्यकाल को आर्थिक स्थिरता के लिए जाना जाता है। इस दौरान बिजली कटौती की परेशानी को कम करने के लिए कुछ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी शुरू किया गया था। इसका फायदा उनको आने वाले चुनावों में मिल सकता है।

नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद जुलाई 2017 में उन्होंने प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 2018 के चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी इमरान खान की पीटीआई से चुनाव हार गई। धमाकेदार तरीके से सत्ता में आए इमरान खान अब खुद जेल में हैं। इमरान खान की कानूनी चुनौती जैसे-जैसे बढ़ रही हैं, शरीफ के लिए राजनीतिक रास्ता साफ होता जा रहा है।

पहले भी की है नवाज शरीफ ने जबरदस्त वापसी

तीन बार पीएम बने नवाज शरीफ को हर बार कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटना पड़ा है। उनके लिए पहले भी कहा गया कि वो राजनीति में खत्म हो चुके हैं लेकिन उन्होंने हर दफा वापसी की है। इस बार भी विश्लेषक ऐसा ही मान रहे हैं। पाकिस्तान में कई राजनीतिक जानकार तो साफ कह रहे हैं कि नवंबर में होने वाले चुनावों को जनवरी तक फौज के इशारे पर टाला ही नवाज शरीफ की वजह से गया है। ऐसे में उनकी एक बार फिर सत्ता में वापसी होने की बहुत उम्मीद है।

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