रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिवार अब अपने मासिक खर्च का 50% से भी कम हिस्सा खाने पर खर्च कर रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है क्योंकि पहले खाद्य खर्च परिवारों के बजट का सबसे बड़ा हिस्सा होता था।
इस बदलाव के पीछे कई कारण हैं। इनमें से एक कारण सरकार की खाद्य सब्सिडी योजनाएं हैं, जो परिवारों को सस्ते अनाज उपलब्ध कराती हैं। इसके अलावा, बढ़ती आय और बदलती जीवनशैली भी इस बदलाव में योगदान कर रही हैं।
खाद्य खर्च में कमी का मतलब यह नहीं है कि भारतीय परिवार अब कम खा रहे हैं। इसके बजाय, वे अपने खाने के विकल्पों में विविधता ला रहे हैं। वे अब अधिक फल, सब्जियां, दूध और मांस खा रहे हैं।
खाद्य खर्च में कमी भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह सुझाव देता है कि भारतीय परिवार अब अपनी आय का अधिक हिस्सा अन्य आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च कर सकते हैं।


