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The Kerala Story पर बैन की अर्जी पर सुनवाई से SC का फिर इनकार, CJI बोले- कलाकारों की मेहनत का सोचिए, HC जाइए

डायरेक्‍टर सुदीप्‍तो सेन की फिल्‍म ‘द केरल स्‍टोरी’ विवादों के बीच शुक्रवार, 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। इस फिल्‍म पर बैन लगाने संबंधी याचिकाओं पर गुरुवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने, या कोई भी कार्रवाई से इनकार कर दिया है। मुख्‍य न्‍यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने बुधवार के बाद गुरुवार को एक बार फिर यह मामला लाया गया। इस पर चीफ जस्‍ट‍िस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हम इस मामले में दखल नहीं दे सकते हैं। सेंसर बोर्ड ने इसे र‍िलीज होने के लिए सर्टिफिकेट दे दिया है। फिल्‍म पर बैन संबंधी ऐसी ही याचिका पर केरल हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई है और उन्‍होंने इसे पहले लिस्‍ट किए जाने से इनकार कर दिया है। हमने कल भी मना किया था। तीन स्‍टेज के बाद अब हमारे लिए इस पर सुनवाई करना अनुचति होगा।’

The Kerala Story Ban Plea: गुरुवार को सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने अदालत में ‘द केरल स्टोरी’ मामले को पटल पर रखा था। उन्‍होंने जस्‍ट‍िस चंद्रचूड़ की बेंच से कहा केरल हाई कोर्ट ने मामले पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए लिस्‍ट किया है। जबकि फिल्‍म इसी दिन रिलीज भी हो रही है। बुधवार के निर्देश के अनुसार हाई कोर्ट में केस पर सुनवाई को जल्‍दी लिस्‍ट करने के लिए लिए अर्जी दी गई, लेकिन वहां न्‍यायाधीश के उपलब्‍ध नहीं होने के कारण इसे टाल दिया गया। अब जब फिल्‍म रिलीज हो रही है तो अदालत से गुहार है कि इस पर सुनवाई की जाए।

जमीयम उलेमा-ए-हिंद ने भी दी है याचिका

इससे पहले बुधवार को भी चीफ जस्‍ट‍िस DY Chandrachud की अगुवाई वाली बेंच ने फिल्‍म से जुड़ी याचिकाओं को खारिज किया था। Supreme Court ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो फिल्म की रिलीज की तारीख 5 मई से पहले केरल हाई कोर्ट में सुनवाई की मांग कर सकते हैं। अदालत में एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने चीफ जस्‍ट‍िस डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष दायर याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लामिक मौलवियों की संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर इस याचिका को तत्‍काल सुनवाई के लिए लिस्‍ट किया जाना चाहिए। एडवोकेट निजाम पाशा ने कहा कि कुर्बान अली नाम के एक और याचिकाकर्ता ने फिल्‍म पर बैन लगाने की मांग की है। पाशा ने यह भी कहा कि फिल्म के डिस्क्लेमर में संशोधन की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह पूरी तरह से काल्पनिक है।

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