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भागवत, रिजर्वेशन और जी20 में पुतिन-शी जिनपिंग का न आना… कांग्रेस ने की बीजेपी पर सवालों की बौछार

कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिमाग में रिजर्वेशन पर प्रहार करने की साजिश बहुत लंबे समय से मौजूद है। लेकिन, मजबूरन सफाई देने के लिए मोहन भागवत ने आरक्षण के पक्ष में बयान दिया है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह दावा भी किया कि ‘अखंड भारत’ के विषय पर आरएसएस ही अखंड नहीं हैं। संगठन में इस मुद्दे पर अलग-अलग राय है। खेड़ा ने जी20 में रूसी और चीनी राष्‍ट्रपतियों के न आने को लेकर भी सवाल उठाए।

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव है, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। उन्होंने नागपुर में एक कार्यक्रम में यह भी कहा था कि आज की युवा पीढ़ी के बुजुर्ग होने से पहले ही अखंड भारत हकीकत बन जाएगा।

खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘आरएसएस के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों की अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के समय क्या भूमिका थी? आज देश में 15-16 फीसदी मुसलमान इनसे बर्दाश्त नहीं होते, अखंड भारत में 45 फीसदी मुसलमान होंगे तो फिर ये क्या करेंगे? बिना सोचे-समझे बोलने की इनकी पुरानी आदत है। अखंड भारत पर राम माधव कुछ और बोलते हैं। अखंड भारत के मुद्दे पर आरएसएस ही अखंड नहीं है।’

‘इंडिया’ बनाम ‘भारत’ विवाद के जरिये संविधान पर प्रहार
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘इंडिया’ और ‘भारत’ के विवाद के जरिये संविधान और आरक्षण पर प्रहार करने की कोशिश की गई है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह आरक्षण पर प्रहार करने का प्रयास था… संविधान को फिर से लिखने की बात हो रही है? यह प्रहार बाबासाहेब आंबेडकर के लिखित संविधान की आत्मा पर है जिसमें आरक्षण का बहुत स्पष्ट स्थान है। जब इनको चुनौती देकर बात बताई गई तो इनको (आरएसएस) सफाई देनी पड़ी। लेकिन इनके दिमाग में यह षड्यंत्र बरकरार है। यह षड्यंत्र तब से चल रहा है जब संविधान लिखा गया था।’

पुत‍िन और जिनप‍िंंग के न आने से उठेंगे सवाल
खेड़ा ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शामिल नहीं होने से सवाल उठेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर से उम्मीद है कि वह इस पर जवाब देंगे। वह यह भी बोले कि जब करोड़ों रुपये खर्च करके इतना बड़ा आयोजन हो रहा है तो सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश को इसका कुछ लाभ हो।

पवन खेड़ा ने कहा, ‘देश को जी20 की बारी-बारी से मिलने वाली (रोटेशनल) अध्यक्षता हासिल हुई है। आपने कार्यक्रम का आयोजन बहुत अच्छा किया है। इसमें दो राष्ट्राध्यक्ष नहीं आ रहे हैं तो सवाल उठेंगे और जवाब की उम्मीद भी होगी। हमारे विदेश मंत्री (एस जयशंकर) काबिल हैं, पढ़े लिखें हैं, लेकिन आजकल बदले-बदले नजर आ रहे हैं… उम्मीद है कि वह अपने विभाग को लेकर कुछ कहेंगे।’

खेड़ा का कहना था, ‘हम विदेश मंत्री से कहना चाहते हैं कि जब करोड़ों रुपये खर्च करके आयोजन हो रहा है तो यह सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है कि तमाम राष्ट्राध्यक्ष इसमें शामिल हों और रोटेशनल अध्यक्षता का भारत को कुछ लाभ मिले।’

जी 20 शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में इस सप्ताहांत नई दिल्ली में हो रहा है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा उन जी20 नेताओं में से हैं जो शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पहले ही पुष्टि कर चुके हैं।

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