एकीकृत पेंशन योजना: सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को कितनी पेंशन मिलेगी?
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 से एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लागू की है।
यह योजना केंद्रीय सरकार के नए भर्ती कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है। यूपीएस के तहत योगदानकर्ताओं को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलती है।
यूपीएस के तहत पेंशन की गणना योगदानकर्ता की अंतिम वेतन और सेवाकाल के आधार पर की जाती है। योगदानकर्ता के अंतिम वेतन का 31.02% उसके औसत अंतिम वेतन के रूप में लिया जाता है। इस औसत अंतिम वेतन का 49% पेंशन के रूप में भुगतान किया जाता है।
सेवाकाल के आधार पर भी पेंशन की गणना होती है। अगर कोई कर्मचारी 33 साल की सेवा पूरी कर लेता है तो उसे पूर्ण पेंशन मिलेगी। अगर सेवाकाल कम होता है तो पेंशन का प्रतिशत भी कम हो जाता है।
यूपीएस के तहत पेंशन की गणना के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए एक कर्मचारी ने 33 साल की सेवा पूरी कर ली है और उसका अंतिम वेतन ₹50,000 है। इस स्थिति में उसका औसत अंतिम वेतन ₹50,000 का 31.02% यानी ₹15,510 होगा। इस औसत अंतिम वेतन का 49% यानी ₹7,599 उसकी मासिक पेंशन होगी।
यूपीएस के तहत पेंशन की गणना सरल है। योगदानकर्ता अपनी सेवाकाल और अंतिम वेतन के आधार पर अपनी पेंशन का अनुमान लगा सकते हैं।


