
केंद्र सरकार ने आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसका उद्देश्य प्रमुख श्रम बाजार संकेतकों को मासिक आधार पर जारी करना है। इस कदम से राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षणों के दायरे और प्रासंगिकता को बढ़ाने की उम्मीद है। पहले, पीएलएफएस के आंकड़े त्रैमासिक और वार्षिक आधार पर जारी किए जाते थे, लेकिन अब इन बदलावों के बाद अधिक नियमित और समय पर जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
इन परिवर्तनों के तहत, बेरोजगारी दर, श्रम बल भागीदारी दर और रोजगार दर जैसे महत्वपूर्ण संकेतकों को हर महीने जारी किया जाएगा। इससे नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और शोधकर्ताओं को श्रम बाजार की गतिशीलता को अधिक बारीकी से ट्रैक करने और समय पर हस्तक्षेप करने में मदद मिलेगी। सरकार का मानना है कि मासिक डेटा अधिक सटीक और वर्तमान तस्वीर पेश करेगा, जिससे बेहतर नीति निर्माण में सहायता मिलेगी।
यह कदम देश में रोजगार और श्रम से संबंधित आंकड़ों को अधिक सुलभ और उपयोगी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उम्मीद है कि पीएलएफएस में किए गए ये बदलाव राष्ट्रीय स्तर पर श्रम बाजार की बेहतर समझ विकसित करने में योगदान देंगे।