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दिल्ली के जंतर-मंतर को किसने बनवाया था? देश के सियासी अखाड़ें का इतिहास जानिए

राजधानी दिल्ली में स्थित जंतर-मंतर को कौन नहीं जानता। इस समय एक बार यह फिर सुर्खियों में है। कारण है वहां पर मौजूद पहलवान। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। मोदी सरकार और देश के कानून से न्याय की गुहार कर रहे हैं। और इसके लिए पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर को चुना है। हालांकि आरोपों में कितनी सच्चाई है इसका फैसला तो बाद में होगा। जंतर-मंतर आज से नहीं काफी पहले से देश की सियासत का अखाड़ा माना जाता है। सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने या खिलाफ में विरोध के लिए विपक्ष को यह सबसे उपयुक्त जगह लगती है। लेकिन आंदोलन और विरोध प्रदर्शन से इतर जंतर-मंतर का अपना इतिहास है। यहां देशभर से लोग आते हैं और यहां खूब एंजॉय करते हैं। क्या आपको पता है कि यह जंतर-मंतर किसने बनवाया था। इसके पीछे की कहानी क्या है। चलिए हम आपको बताते हैं।

जंतर-मंतर किसने बनवाया था?
जंतर-मंतर के इतिहास को जानने के लिए आज से 300 साल पहले जाना होगा। साल था 1724। जयपुर के महाराजा जय सिंह द्वितीय ने इसका निर्माण कराया था। दिल्ली ही नहीं जय सिंह ने जयपुर, मथुरा, उज्जैन और वाराणसी में भी इसे बनवाया गया था। असल में इसे बनवाने के पीछे एक छोची सी घटना है। उस समय हिंदू और मुस्लिम खगोलशास्त्रियों के बीच ग्रहों की स्थिति को लेकर बहस छिड़ गई थी। इस बहस को शांत करने के लिए जय सिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण कराया था। आपको जानकर खुशी होगी कि जयपुर के जंतर-मंतर को साल 2010 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

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